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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥

ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

It holds the power to provide enlightenment throughout the contrasting energy of Shiva and Shakti and offers adequate ability to experience equally energies concurrently, which, consequently, assists you have an understanding of your very own Power.  

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

'सुक्खू सरकार से लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी', वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की दो टूक

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षम् ।

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